आज से ये यात्रा प्रारम्भ, नयी नहीं है पर हर बार खोज तो नयी होती है, उद्देश्य भी नया होता है हर यात्रा का, वैसे जीवन यात्रा तो निरंतर चलती है तो यह यात्रा भी अनवरत चलनी चाहिए । शब्दों का खेल है वरना जितने द्वीप, जितने पर्वत और जितनी नदियां जीवन पथ में आती हैं उनका तो उल्लेख भी कहाँ हो सकता है ! पर कुछ जीवंत क्षण जो अनुभूति मैं ठहर गए अब तक या आगे पुनः अनुभूत किए जा सकें ऐसा प्रयास किया जा सके तो भी अच्छा है। जीए हुये को पुनः जी लेने का मोह पता नहीं क्यों है ! पर देखें हो सकता है आप भी कहीं सहयात्री हों ? अन्यथा क्या पता कोई नया अनुभव भी मिल जाये ?


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